Saturday, October 26, 2013

Horoscope Analysis-2 (Lal Kitab)

Native's Birth Details: 1st Nov, 1973, time 3:30 AM, Sirsa Haryana.

बृहस्पत खाना नंबर 5 -

बृहस्पत बैठा है सूरज के घर और सूरज बैठा है बृहस्पत के घर अतः दोनों ग्रह साथी गिने जायेंगे और एक दुसरे कि मदद पर होंगे अतः अब आपका ताम्बा भी सोने कि कीमत देगा। कुंडली में राहु धर्मी है अतः बृहस्पत अब आपके लिए मददगार होगा अर्थात पिता बाबा औलाद सबका फल नेक और उत्तम होगा। जनम से 16 साल उम्र तक बृहस्पत का अति नेक और उत्तम फल होगा। घर का कोई बुजुर्ग या स्वयं आप नेक सिफ्त पूर्ण ब्रह्म होगा। शनि खाना नंबर 10 में बैठकर बृहस्पत को नुकसान ही देगा अतः 8-9 -18 -16-36  साल कि उम्र में पिता या बाबा पर कोई गम्भीर कष्ट आया होगा। घर में कोई कमरा या संदूक ताला बंद ना रखे।

नंबर 5 में बैठा बृहस्पत व्यक्ति को बहुत इज़ज़त मान देता है मगर साथ ही ऐसे व्यक्ति में गुस्सा भी बहुत होता है। धर्म के नाम पर मांग कर खाना आपको बहुत नुकसान देगा अतः इससे बचे। औलाद पैदा होने के दिन से खूब तरक्की होगी। जैसे जैसे औलाद बढ़ेगी वैसे वैसे किस्मत बढ़ेगी। व्यापार में तरक्की होगी।

सूरज खाना नंबर 2 -

सूरज आपकी कुंडली में खाना नंबर 2 में बैठा है अतः परिणाम स्वरुप धर्म कि मूर्ती, सत्य योगी, राजा कि हैसियत का मालिक होगा और अपने परिवार को अवश्य ही मालामाल कर देगा। कभी भी जीवन में किसी से कोई चीज़ मुफ्त या गिफ्ट में ना ले। बल्कि दान करते रहने से आपके परिवार में धन दौलत कि खूब बरकत होगी। मामे, लड़की के रिश्तेदार, माता पिता, बहन, ससुराल सबको तारने वाला होगा। दस्ती मेहनत का आदि और हाथ में कोई कोई हुनर होगा। शनि 10 के प्रभाव से इज़ज़त और अक्ल का मालिक होगा। मंगल 8 के प्रभाव से लालची होगा। दान कल्याण से उत्तम फल होगा मगर दान लेने से नुकसान होगा।
चन्द्र खाना नंबर 4 -

यह ग्रह असर करता है 24 साल उम्र में, चन्द्र बैठा है खाना नंबर 4 और साथ में हैं शुक्कर और राहु, शुक्कर का अरसा है २५ साल और राहु ४२  साल और दोनों हैं भी चन्द्र के दुश्मन अतः चन्द्र का पहला चक्कर तो निष्फल जायेगा अर्थात चन्द्र अपने पहले चक्कर में कोई भला फल ना देगा। चन्द्र के सामने घर में भी चन्द्र के दुश्मन शनि और केतु बैठे हैं अतः चन्द्र ग्रहण का ज़माना होगा और ४५ साल उम्र तक चन्द्र का फल भला नहीं होगा ऐसे में उपाय के तौर पर ग्रहण काल में नारियल और साबत बादाम जल प्रवाह करने से चन्द्र का असर बहाल होगा या वैसे ही बूढी माताओं कि सेवा करने से चन्द्र का असर नेक होगा।

शुक्कर खाना नंबर 4 -

उम्र के २५ वे साल से यह ग्रह पूरे शबाब पर आता है। नंबर में शुक्कर के साथ उसके दुश्मन चन्द्र और राहु भी विराजमान हैं अतः तीनो ग्रहों का फल चन्द्र (माता), शुक्कर (गृहस्थ) और राहु यानि ससुराल का फल मंदा होगा खासकर २५ से २७ साल उम्र में। ऐसे में उपाय के तौर पर मकान कि छत साफ़ और उम्दा रखे। चन्द्र शुक्कर इकठ्ठे हो तो अक्सर नूंह सास का झगड़ा होगा।
मंगल खाना नंबर 8 -

यह ग्रह असर करता है २८ से ३३ साल की उम्र में, मंगल नंबर बहुत उत्तम फल नही देने वाला माना गया है। मगर फिर भी आप बहुत अधिक मेहनती होंगे। इंसाफ पसंद और दुश्मन आपने सामने निस्तेज रहेंगे। आप और आपके भाई बहन की उम्र में कम से कम या साल का फर्क होगा। छोटे भाई बहनों पर खाना का मंगल भारी होगा। अमूमन मंगल  भाई बंधू या मामे ताए पर नेक असर नही देता। मंगल वाले को चाहिए की कभी किसी बेवा को ना सताए वर्ना बेवा के दुर्वचन से घर और किस्मत दोनों ही मंगल की आग में जलकर तबाह होंगे, अतः बेवा औरतों की सेवा और आशीर्वाद से घर परिवार और किस्मत की बरकत होगी। इसके आलावा तंदूर की बनी मीठी रोटी कुत्ते को डाले इससे भी भाई बहनों, घर परिवार औलाद सबकी तरक्की और बरकत होगी। घर में छत पर भूलकर भी कभी मिटटी का तंदूर रखे।

बुध खाना नंबर 3 -

औरत के टेवे में यह गृह अधिक बुरा नहीं होता। यह ग्रह ३४ से ३६ साल उम्र पर असर देता है। भाई और रिश्तेदार मददगार होंगे। बुध कुंडली वाले के लिए मददगार होगा और धन दौलत के लिए भी कभी मंदा ना होगा। कभी कभार चिड़ियों को दाना डालते रहने से बुध और भी उम्दा असर देगा।

शनि केतु खाना नंबर 10 -

दोनों ग्रहों का इकठ्ठे नेक और मुबारक असर होगा, शनि खाना नंबर 10 को लेख का कोरा कागज़ कहा गया है अर्थात ऐसा व्यक्ति स्वयं अपनी किस्मत बनाने वाला होगा। हर तरह से मान इज्ज़त और दौलत देगा यह ग्रह ३६ से ३९ साल उम्र में असर देगा। पिता की उम्र लम्बी होगी। ४८ तक अपने नाम से मकान ना बनाये। गुरु-बाबा-पिता की सेवा से शनि का फल और भी उत्तम होगा। केतु नंबर १० के प्रभाव से यदि भाई बंधू धोखा भी दे तो भी उन्हें माफ़ कर देने से स्वयं और भी बढेगा और तरक्की पायेगा। मिटटी से भी सोना बनाएगा।

राहु नंबर 4 -

राहु अब कुंडली में  धर्मी होगा, मगर चन्द्र का फल फिर भी मद्धम होगा। सूरज के प्रभाव से राहु अब और नेक फल देगा।

पितृ ऋण-

आपकी कुंडली में किसी भी प्रकार का कोई ऋण नहीं बनता फिर भी गौ सेवा करते रहने से उत्तम फल प्राप्त होगा।
नोट: उपरोक्त सम्पूर्ण जनम फल ग्रहों की स्थिति अनुसार बताया गया है, उसमे स्वयं व्यक्ति के अपने शुभ या अशुभ कर्मों द्वारा फलकथन में कमी बेशी आने की समभावना रहती है अतः उपरोक्त बताये गए उपायों द्वारा आप शुभ कर्मों को अपना कर और अशुभ कर्मों को त्याग कर ग्रहों के अशुभ फलों को कम कर सकते हैं। अंततः इश्वर के बनाये नियम अटल हैं हर इंसान अपने कर्मों का फल भोगने ही आता है जो की अटल है अतः शुभ कर्म करे ताकि आने वाला समय शुभ हो। बाकी सब दुनियावी हिसाब किताब है कोई दावा--खुदाई नहीं। धन्यवाद्।

Thursday, October 24, 2013

Horoscope Analysis-1 (Lal Kitab)

Native's Birth Details: 27th Oct, 1972 (time 8:10 pm) Hardwar

Lagan: Vrikh
Birth Chart Report

बृहस्पत राहु खाना नंबर 8 (मसनुई बुध)

12 -24 - 48 साल उम्र तक या लड़के अथवा पोते के जनम पर बृहस्पत का सोना बहाल होगा बशर्ते की ससुराल घर में ना रहे। स्वयं अथवा घर में किसी बुजुर्ग को दमा की बीमारी होगी। ऊपर बताई गयी उम्र तक किस्मत कोई ख़ास नेक असर नहीं देगी। किस्मत रंग बिरंगे असर दिखलाएगी, व्यर्थ की दौड़ धुप होगी मगर आप फिर भी अपने वचन के पक्के और किसी के भी सामने नहीं झुकेंगे। राजा से फ़क़ीर अथवा फ़क़ीर से राजा किस्मत दो रंगी असर दिखलाएगी। मंदा ज़माना ज्यादा से ज्यादा 48 साल तक या फिर लड़के के जनम तक होगा उसके बाद से नेक असर होगा। उससे पहले खाली और फोकी शोहरत ही होगी।

8 से 12 साल उम्र में सोना भी पीतल होगा, साधू भी चोर बनकर खा जायेंगे, 12 से 16 साल की उम्र में पिता पर जिस्मानी कष्ट होगा संभवतः उन्हें सांस की गंभीर तकलीफ या अन्य कोई गंभीर कष्ट होगा। 42 साल की उम्र में सोने की चोरी या ससुराल अथवा पिता पर गंभीर मुसीबत या कष्ट सकता है। जाती आमदन भी कोई ख़ास बढ़िया ना होगी। ज़िन्दगी सिर्फ खानापूरी का नाम होगी, हर तरफ बे-उमीदी का धुआं होगा।
उपरोक्त अशुभ फल लड़का पैदा होने से पहले तक होगा, लड़का पैदा होने के दिन से हर तरफ तरक्की होगी।


चन्द्र केतु खाना नंबर 2 (चन्द्र ग्रहण)

चन्द्र केतु आपकी कुंडली में खाना नंबर 2 में स्थित हैं जिस कारण चन्द्र ग्रहण होगा। परिणाम स्वरुप गृहस्थ में सुख की कमी होगीदादी पोते का मेल ना होगा अर्थात आपके लड़का होने पर हो सकता है की आपके माताजी आपके साथ ना रहे। यदि दोनों इकठ्ठे होंगे तो दोनों में से किसी एक को कष्ट होगा। ज़मीन जायदाद सम्बन्धी झगडे होंगे। माता पिता का सुख कम ही नसीब होगा या उनसे कोई ख़ास मदद ना होगी। समंदर पार सफ़र भी कोई नेक नतीजे नहीं देंगे। दोनों ग्रहों का अधिक से अधिक 45 साल तक मन्द असर होगा साथ ही सूरज (राजदरबार, सेहत और यश) के ताल्लुक में भी मंदा असर होगा। औलाद, रीढ़, टांग, कान, नानका परिवार भी कोई नेक असर नहीं देंगे।
नोट- कभी किसी के पेशाब पर पेशाब ना करें।

चूंकि आपकी कुंडली में बुध अपने पक्के घर नंबर 7 में बैठा है अतः इसके फलस्वरूप अब चन्द्र ग्रहण का मंदा असर अधिक से अधिक 45 की बजाय केवल 34 साल उम्र तक ही होगा और उसके बाद 58 साल उम्र तक तीनो (चन्द्र-केतु-बुध) का नेक और मुबारक असर होगा।


शुक्कर मंगल इकठ्ठे खाना नंबर 5 -

अब खाना नंबर 8 में बैठे हुए बृहस्पत राहु भी नेक असर देंगे। स्त्री धन और किस्मत से घर में बरकत होगी। 36 साल उम्र तक धन दौलत और परिवार सबकी बरकत होगी, बृहस्पत राहु का कोई मन्द असर ना होगा। तीरथ यात्रा और दुनियावी सुख दोनों का उत्तम फल होगा। उत्तम लक्ष्मी और नेक धन का साथ होगा।

सूरज खाना नंबर 6 -

बेफिक्र और किस्मत पर सब्र करने वाला होगा। तकदीर में लिखा तुझसे कोई नहीं छीन सकता। राज दौलत हो या ना हो मगर बे-औलाद कभी नहीं होगा। मंदा चाल चलन, अथवा घर की पिछली दीवार तोड़ कर रौशनी का जरिया बनाना अथवा ज़रूरत से ज्यादा हठ करना या फिर पुराने रीत रिवाजों को ना मानना सूरज का फल अशुभ कर देंगे और तरक्की में रूकावटें पैदा करेंगे और इसके विपरीत होने पर सूरज का फल उत्तम होगा और खूब तरक्की होगी। मगर खाना नंबर 1 में बैठा शनि फिर भी सूरज की रौशनी में अपनी कालिख पोतने से बाज़ नहीं आयेगा जिसका ज़िक्र आगे चलकर शनि के अंतर्गत होगा। शनि नंबर 1 औलाद और मामे पर अशुभ असर देगा जिसके उपाय के लिए बंदरों को गुड खिलाना मुबारक होगा। जल्द गर्म हो जाना आपका स्वाभाव होगा। पैदाईश अमूमन नानके या जद्दी घर से बाहर होगी, पैदाईश के वक़्त माता पिता की माली हालत भी कोई ख़ास बढ़िया ना होगी, मगर औलाद पैदा होने के दिन से खूब तरक्की होगी, लड़का पैदा होने से पहले कई कारोबार बदल चुके होंगे मगर लड़का पैदा होने के बाद जो भी कारोबार होगा वही पक्का कारोबार हो जायेगा। पुरानी रस्मों को मानते रहने से दिन बा दिन तरक्की होगी। शनि खाना नंबर 1 की वजह से सूरज पर ग्रहण होगा जिसके लिए मंदिर से खज़ाना (सिक्के) लेकर लाल कपडे में लपेट कर हमेशा अपने पास रखें।

बुध खाना नंबर 7 -

दुनिया के लिए पारस होगा, जाने से पहले लाखों का भला करके जायेगा। कलम का धनी होगा, दूसरों की मदद करने को हमेशा तैयार रहेंगे। बुढ़ापा उम्दा होगा, हाज़िर माल का व्यापार उत्तम फल देगा, हुनर और दस्ती काम में बरकत होगी, झगड़ों अथवा मुकद्दमो में हमेशा विजय होगी, दौलत हमेशा मदद पर होगी, अपने कुल को तारने वाला होगा।
शनि खाना नंबर 1 -

शनि नंबरके वक़्त सूरज जिस भी घर में होगा वहां ग्रहण होगा, सूरज बैठा है खाना नंबरमें अतः नानके परिवार दुखी या मुसीबत में होंगे। आपके जनम समय आपके माता पिता की भी माली हालत कोई ख़ास बढ़िया ना होगी। खुद की माली हालत में शनि नेक फल ही देगा। शराब खोरी या गंदे इश्क में पड़ने से खुद अपना आप तबाह होगा अतः इससे बचें। घर का मुख्य द्वार यदि पश्चिम में होगा तो भी शनि अशुभ फल देगा अतः घर का मुख्य द्वार पश्चिम में ना बनाये। इसके विपरीत यदि आप शराब मीट अंडा या गैर इश्क या पश्चिम मुखी मकान में रहते होंगे तो 36 साल उम्र से फकीरी और बीमारी दोनों का साथ होगा। राजदरबार धन दौलत सबका फल अशुभ होगा, तालीम अधूरी हो सकती है, गृहस्थ सुख की कमी आदि आदि फल प्राप्त हो सकते हैं।



पितृ ऋण-

आपकी कुंडली में शुक्कर खाना नंबर 5 में होने के कारण जाती ऋण बनता है जिसके उपाय के लिए आप कुल खानदान के हरेक मेम्बर जहाँ तक की खून का असर हो उन सब का बराबर हिस्सा लेकर यग करें।

नोट: उपरोक्त सम्पूर्ण जनम फल ग्रहों की स्थिति अनुसार बताया गया है, उसमे स्वयं व्यक्ति के अपने शुभ या अशुभ कर्मों द्वारा फलकथन में कमी बेशी आने की समभावना रहती है अतः उपरोक्त बताये गए उपायों द्वारा आप शुभ कर्मों को अपना कर और अशुभ कर्मों को त्याग कर ग्रहों के अशुभ फलों को कम कर सकते हैं। अंततः इश्वर के बनाये नियम अटल हैं हर इंसान अपने कर्मों का फल भोगने ही आता है जो की अटल है अतः शुभ कर्म करे ताकि आने वाला समय शुभ हो। बाकी सब दुनियावी हिसाब किताब है कोई दावा--खुदाई नहीं। धन्यवाद्।