Native's Birth Details: 1st Nov, 1973, time 3:30 AM, Sirsa
Haryana.
बृहस्पत खाना नंबर 5 -
बृहस्पत
बैठा है सूरज
के घर और
सूरज बैठा है
बृहस्पत के घर
अतः दोनों ग्रह
साथी गिने जायेंगे
और एक दुसरे
कि मदद पर
होंगे अतः अब
आपका ताम्बा भी
सोने कि कीमत
देगा। कुंडली में
राहु धर्मी है
अतः बृहस्पत अब
आपके लिए मददगार
होगा अर्थात पिता
बाबा औलाद सबका
फल नेक और
उत्तम होगा। जनम
से 16 साल उम्र
तक बृहस्पत का
अति नेक और
उत्तम फल होगा।
घर का कोई
बुजुर्ग या स्वयं
आप नेक सिफ्त
पूर्ण ब्रह्म होगा।
शनि खाना नंबर
10 में बैठकर बृहस्पत को
नुकसान ही देगा
अतः 8-9 -18 -16-36 साल
कि उम्र में
पिता या बाबा
पर कोई गम्भीर
कष्ट आया होगा।
घर में कोई
कमरा या संदूक
ताला बंद ना
रखे।
नंबर
5 में बैठा बृहस्पत
व्यक्ति को बहुत
इज़ज़त मान देता
है मगर साथ
ही ऐसे व्यक्ति
में गुस्सा भी
बहुत होता है।
धर्म के नाम
पर मांग कर
खाना आपको बहुत
नुकसान देगा अतः
इससे बचे। औलाद
पैदा होने के
दिन से खूब
तरक्की होगी। जैसे जैसे
औलाद बढ़ेगी वैसे
वैसे किस्मत बढ़ेगी।
व्यापार में तरक्की
होगी।
सूरज खाना नंबर 2 -
सूरज
आपकी कुंडली में
खाना नंबर 2 में
बैठा है अतः
परिणाम स्वरुप धर्म कि
मूर्ती, सत्य योगी,
राजा कि हैसियत
का मालिक होगा
और अपने परिवार
को अवश्य ही
मालामाल कर देगा।
कभी भी जीवन
में किसी से
कोई चीज़ मुफ्त
या गिफ्ट में
ना ले। बल्कि
दान करते रहने
से आपके परिवार
में धन दौलत
कि खूब बरकत
होगी। मामे, लड़की
के रिश्तेदार, माता
पिता, बहन, ससुराल
सबको तारने वाला
होगा। दस्ती मेहनत
का आदि और
हाथ में कोई
न कोई हुनर
होगा। शनि 10 के
प्रभाव से इज़ज़त
और अक्ल का
मालिक होगा। मंगल
8 के प्रभाव से
लालची होगा। दान
कल्याण से उत्तम
फल होगा मगर
दान लेने से
नुकसान होगा।
चन्द्र खाना नंबर 4 -
यह
ग्रह असर करता
है 24 साल उम्र
में, चन्द्र बैठा
है खाना नंबर
4 और साथ में
हैं शुक्कर और
राहु, शुक्कर का
अरसा है २५
साल और राहु
४२ साल
और दोनों हैं
भी चन्द्र के
दुश्मन अतः चन्द्र
का पहला चक्कर
तो निष्फल जायेगा
अर्थात चन्द्र अपने पहले
चक्कर में कोई
भला फल ना
देगा। चन्द्र के
सामने घर में
भी चन्द्र के
दुश्मन शनि और
केतु बैठे हैं
अतः चन्द्र ग्रहण
का ज़माना होगा
और ४५ साल
उम्र तक चन्द्र
का फल भला
नहीं होगा ऐसे
में उपाय के
तौर पर ग्रहण
काल में नारियल
और साबत बादाम
जल प्रवाह करने
से चन्द्र का
असर बहाल होगा
या वैसे ही
बूढी माताओं कि
सेवा करने से
चन्द्र का असर
नेक होगा।
शुक्कर खाना नंबर 4 -
उम्र
के २५ वे
साल से यह
ग्रह पूरे शबाब
पर आता है।
नंबर ४ में
शुक्कर के साथ
उसके दुश्मन चन्द्र
और राहु भी
विराजमान हैं अतः
तीनो ग्रहों का
फल चन्द्र (माता),
शुक्कर (गृहस्थ) और राहु
यानि ससुराल का
फल मंदा होगा
खासकर २५ से
२७ साल उम्र
में। ऐसे में
उपाय के तौर
पर मकान कि
छत साफ़ और
उम्दा रखे। चन्द्र
शुक्कर इकठ्ठे हो तो
अक्सर नूंह सास
का झगड़ा होगा।
मंगल खाना नंबर 8 -
यह
ग्रह असर करता
है २८ से
३३ साल की
उम्र में, मंगल
नंबर ८ बहुत
उत्तम फल नही
देने वाला माना
गया है। मगर
फिर भी आप
बहुत अधिक मेहनती
होंगे। इंसाफ पसंद और
दुश्मन आपने सामने
निस्तेज रहेंगे। आप और
आपके भाई बहन
की उम्र में
कम से कम
४ या ८
साल का फर्क
होगा। छोटे भाई
बहनों पर खाना
८ का मंगल
भारी होगा। अमूमन
मंगल ८
भाई बंधू या
मामे ताए पर
नेक असर नही
देता। मंगल ८
वाले को चाहिए
की कभी किसी
बेवा को ना
सताए वर्ना बेवा
के दुर्वचन से
घर और किस्मत
दोनों ही मंगल
की आग में
जलकर तबाह होंगे,
अतः बेवा औरतों
की सेवा और
आशीर्वाद से घर
परिवार और किस्मत
की बरकत होगी।
इसके आलावा तंदूर
की बनी मीठी
रोटी कुत्ते को
डाले इससे भी
भाई बहनों, घर
परिवार औलाद सबकी
तरक्की और बरकत
होगी। घर में
छत पर भूलकर
भी कभी मिटटी
का तंदूर न
रखे।
बुध खाना नंबर 3 -
औरत
के टेवे में
यह गृह अधिक
बुरा नहीं होता।
यह ग्रह ३४
से ३६ साल
उम्र पर असर
देता है। भाई
और रिश्तेदार मददगार
होंगे। बुध कुंडली
वाले के लिए
मददगार होगा और
धन दौलत के
लिए भी कभी
मंदा ना होगा।
कभी कभार चिड़ियों
को दाना डालते
रहने से बुध
और भी उम्दा
असर देगा।
शनि केतु खाना नंबर 10 -
दोनों
ग्रहों का इकठ्ठे
नेक और मुबारक
असर होगा, शनि
खाना नंबर 10 को
लेख का कोरा
कागज़ कहा गया
है अर्थात ऐसा
व्यक्ति स्वयं अपनी किस्मत
बनाने वाला होगा।
हर तरह से
मान इज्ज़त और
दौलत देगा यह
ग्रह ३६ से
३९ साल उम्र
में असर देगा।
पिता की उम्र
लम्बी होगी। ४८
तक अपने नाम
से मकान ना
बनाये। गुरु-बाबा-पिता की
सेवा से शनि
का फल और
भी उत्तम होगा।
केतु नंबर १०
के प्रभाव से
यदि भाई बंधू
धोखा भी दे
तो भी उन्हें
माफ़ कर देने
से स्वयं और
भी बढेगा और
तरक्की पायेगा। मिटटी से
भी सोना बनाएगा।
राहु नंबर 4 -
राहु
अब कुंडली में धर्मी
होगा, मगर चन्द्र
का फल फिर
भी मद्धम होगा।
सूरज २ के
प्रभाव से राहु
अब और नेक
फल देगा।
पितृ ऋण-
आपकी
कुंडली में किसी
भी प्रकार का
कोई ऋण नहीं
बनता फिर भी
गौ सेवा करते
रहने से उत्तम
फल प्राप्त होगा।
नोट:
उपरोक्त सम्पूर्ण जनम फल
ग्रहों की स्थिति
अनुसार बताया गया है,
उसमे स्वयं व्यक्ति
के अपने शुभ
या अशुभ कर्मों
द्वारा फलकथन में कमी
बेशी आने की
समभावना रहती है
अतः उपरोक्त बताये
गए उपायों द्वारा
आप शुभ कर्मों
को अपना कर
और अशुभ कर्मों
को त्याग कर
ग्रहों के अशुभ
फलों को कम
कर सकते हैं।
अंततः इश्वर के
बनाये नियम अटल
हैं हर इंसान
अपने कर्मों का
फल भोगने ही
आता है जो
की अटल है
अतः शुभ कर्म
करे ताकि आने
वाला समय शुभ
हो। बाकी सब
दुनियावी हिसाब किताब है
कोई दावा-ऐ-खुदाई नहीं। धन्यवाद्।
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