Native's Birth
Details: 21st Jan, 1994 Time: 9:50AM, Hissar Haryana
शनि खाना
नंबर
१-
(असर
का
वक़्त
३६
से
३९
साल
उम्र)
इस
घर में शनि
नीच माना गया
है मगर आपकी
कुंडली में शनि
जाती उसूल के
हिसाब से नेक
होकर बैठा है।
अतः शनि खाना
नंबर १ में
नीच होकर भी
नेक और उत्तम
फल देगा मगर
सिर्फ तब तक
जब तक कि
स्वयं शनि को
ख़राब न किया
जाये अर्थात शराब
आदी पीने से
शनि का नेक
फल ख़त्म होगा
और शनि फिर
बहुत मंदा असर
देगा अतः आपको
हिदायत है कि
आप जीवन में
सदा शराब मीट
आदी से दूर
रहें। गंदे इश्क़,
झूठ और काले
रंग से सदा
परहेज करे।
जाती
उसूल पर जब
शनि नेक होकर
बैठा हो तो
बचपन-जवानी-बुढ़ापा
तीनो काल उम्दा
होंगे। मगर एकबारगी
तो जनम से
लेकर १८ साल
उम्र तक माता
पिता का सब
सरमाया ख़त्म कर
ही देगा। तालीम
अधूरी हो सकती
है जो कि
ज़रूरी नहीं। मच्छ
रेखा का उत्तम
असर होगा। उत्तम
धन दौलत का
साथ होगा, खुराक,
रिजक और लक्ष्मी
का खज़ाना साथ
होगा। माली तंगदस्ती
कि हालत में
बन्दर पालना या
बंदरों को गुड
खिलाना रोज़ और
भी उत्तम होगा
और धन कि
तंगी दूर होगी।
शनि से सम्बंधित
काम यानि लोहा-लकड़ी-तेल
आदि का कारोबार
उत्तम और मुबारक
असर देगा।
चन्द्र खाना
नंबर
३-
चन्द्र
खाना नंबर ३
में होने से
ऐसा शख्स मैदाने
जंग में हमेशा
फ़तेह हासिल करेगा
अर्थात दुश्मन हमेशा अधीन
रहेंगे। कभी रिजक
कि कमी ना
होगी और घर
में कभी चोरी
ना होगी। यह
ग्रह अमूमन २४
साल उम्र में
असर देता है।
बुजुर्ग औरतों के पाँव
छूकर आशीर्वाद लेने
से चन्द्र का
फल और भी
उत्तम होगा। जिस
कदर तालीम बढ़ती
जायेगी पिता कि
माली हालत कमज़ोर
होती जायेगी। तालीम
के ज़रिये कमाया
हुआ पैसा कम
ही तरक्की देगा।
बहन भाईयों कि
पालना से भंडार
भरते रहेंगे। निद्धि
सिद्धि का मालिक
होगा। कुदरत कि
तरफ से भरपूर
मदद होगी। कंजक
पूजन से उत्तम
फल होगा। घर
आये मेहमान कि
खातिर करने से
भी बरकत होगी।
केतु खाना
नंबर
४-
इस
घर में केतु
पिता के लिए
उम्दा और मुबारक
फल ही देगा
बल्कि पिता कि
हालत और उत्तम
और उच्च करेगा।
यह ग्रह अमूमन
४८ साल उम्र
में असर करता
है। ऐसे शख्स
के औलाद देरी
से होगी (३६
से ४८ साल
उम्र में), ऐसे
में कुलपुरोहित का
आशीर्वाद लेने से
औलाद का फल
नेक होगा। माता
कि सेहत पर
मंदा असर देता
है। स्वयं जातक
मेहनती और हौसले
वाला होगा। दोनों
कान में सोना
या मंदिर या
कुलपुरोहित को सोने
का दान करने
से औलाद कि
बरकत होगी। दौलत
कि कोई कमी
ना होगी। डायबटीज़
वगैरह भी हो
सकता है।
बृहस्पत खाना
नंबर
९-
ऐसा
शख्स माया का
त्यागी होगा, सुनहरी खानदान,
बुजुर्गों का नेक
साया हमेशा सर
पर होगा। आल
औलाद, धन दौलत
और परिवार कि
बरकत होगी। धर्म
पालन से किस्मत
बुलंद होगी। वचन
का पक्का और
हमेशा पालन करने
से धर्म और
धन कि कभी
कमी न होगी।
जनम पर घर
में धन का
दरिया बहता होगा।
यह ग्रह अमूमन
८ से १६
साल उम्र में
असर करता है।
मगर बुध शुक्कर
नंबर १२ में
बैठ कर बृहस्पत
के शुभ फल
में कमी करते
रहेंगे।
राहु खाना
नंबर
१०-
इस
घर में राहु
के शनि के
इशारे पर चलेगा
अतः शनि नेक
तो राहु भी
नेक होगा। आपकी
कुंडली में शनि
नेक है अतः
राहु भी नेक
असर देगा। पिता
के लिए राहु
बहुत शुभ फल
देगा स्वयं जातक
भी नेक और
ईमानदार होगा। हर जगह
इज़ज़त होगी। धन
दौलत के लिए
राहु दुगना उत्तम
फल देगा। बहुत
उत्तम व्यापारी होगा।
उम्र लम्बी होगी।
खर्चीला होगा। जब तक
शराब-शबाब-और
कबाब से दूर
रहेगा राहु और
शनि का बहुत
ही नेक और
उत्तम शुभ फल
मिलता रहेगा।
सूरज-मंगल-बुध-शुक्कर
खाना
नंबर
१२-
सूरज
का फल- असर
का वक़्त २२
साल उम्र में-
दस्ती या मकैनिकल
कामों में नुकसान
और व्यापार में
नफा होगा। रात
सुखी होगी, परायी
ममता से दूर
रहे, मर्द औरत
का सुखी जोड़ा
होगा, धर्महीन-बे-औलाद या
लंगोट बंद साधू
ना होगा। जिस
कदर धर्म में
पक्का होगा उसी
कदर सुखी होगा।
घर में आटा
पीसने कि चक्की
कायम करने से
रिजक कभी बंद
न होगा। राजा
या व्यापार से
नफा होगा। जिस
कदर घर में
बड़ा और खुला
आँगन होगा उसी
कदर किस्मत का
मैदान बढ़ता होगा।
दिल में किसी
से वैर या
विरोध रखना या
किसी से ईर्ष्या
करना, परायी ममता,
किसी कि झूठी
शहादत देना या
ज़मानत देना या
गबन करना या
किसी कि अमानत
मार लेना आदि
सब कामों से
किस्मत को ग्रहण
लग जायेगा।
शुक्कर
का फल- असर
वक़्त २५ से
२७ साल उम्र-
हर जगह मदद
करने वाली देवी
मगर सूरज और
मंगल के प्रभाव
से सुक्कर का
पहला चक्कर कोई
ख़ास फल ना
देगा अतः शुक्कर
अपने दुसरे चक्कर
४८ के बाद
ही शुभ असर
देगा। औरत कि
बीमारी और तबियत
कि नासाजी कभी
ख़त्म ना होगी।
औरत खुद सतवंती
और सुखवंती होगी।
औरत ताल्लुक से
किस्मत का सूरज
उदय होगा। शादी
के दिन से
तरक्की कि शुरुआत
होगी। औरत के
सेहत में बरकत
के लिए खुद
औरत के हाथों
गौ दान या
चरी आदी का
दान औरत कि
सेहत में बरकत
देगा। घर में
गौ पालन से
लक्ष्मी कि बरकत
होगी।
मंगल
का फल- असर
का वक़्त २८
से ३३ साल
उम्र- गरजता शेर,
खालिस खून, दमकता
परिवार, धड़कते दुश्मन, और
कड़कती तलवार का
मालिक होगा। साधू
और गुरु कि
सेवा करने वाला
होगा, लड़का पैदा
होने के दिन
से तरक्की करता
चला जायेगा।
बुध
का फल- सूरज
के साथ से
पहले १७ साल
चुप रहेगा और
१७ साल के
बाद अपना असर
देगा। केवल यही
एक ग्रह है
जो बाकी सभी
ग्रहों को भी
चक्कर में डाले
रखेगा। बुध नंबर
१२ हमेशा अशुभ
फल ही देगा
वो भी अधिक
से अधिक ३६
साल उम्र तक,
उसके बाद यह
ग्रह भी नेक
हो जायेगा। जुबां
का बहुत गन्दा
होगा, अपने मतलब
के लिए बदल
जाना झूठ आदी
बोलना बुध के
फल को और
भी अशुभ करेंगे।
बुध नंबर १२
का जितना अशुभ
फल कहो उतना
कम है अतः
इसका इलाज करना
ही बेहतर होगा
जो कि निम्न
दिया है-
१-
नाक छेदन अर्थात
१७ से ३६
साल उम्र तक
नाक के अंदरूनी
हिस्से में चांदी
कि तार पहने
(जो किसी को
नज़र नहीं आये)
२-
शादी २५ साल
उम्र या उससे
पहले ना करे
३-
जिस लड़की का
भी बुध नंबर
१२ में हो
उस लड़की से
बिलकुल शादी ना
करे
४-
स्टील का बिना
जोड़ वाला छल्ला
पहने
पितृ ऋण-
आपकी
कुंडली में चन्द्र
एवं राहु का
ऋण विराजमान है
अतः इसके लिए
निम्न उपाय करे-
१-
कुल खानदान के
हरेक मेंबर से
जहाँ तक भी
खून का सम्बन्ध
हो उन सबसे
बराबर हिस्से कि
चांदी या चावल
या दूध लेकर
एक ही दिन
दरिया में प्रवाहित
करे।
२-
कुल खानदान के
हरेक मेंबर से
जहाँ तक भी
खून का सम्बन्ध
हो उन सबसे
एक-एक नारियल
लेकर इकठ्ठे एक
ही दिन दरिया
में प्रवाहित करे।
नोट:
उपरोक्त सम्पूर्ण जनम फल
ग्रहों की स्थिति
अनुसार बताया गया है,
उसमे स्वयं व्यक्ति
के अपने शुभ
या अशुभ कर्मों
द्वारा फलकथन में कमी
बेशी आने की
समभावना रहती है
अतः उपरोक्त बताये
गए उपायों द्वारा
आप शुभ कर्मों
को अपना कर
और अशुभ कर्मों
को त्याग कर
ग्रहों के अशुभ
फलों को कम
कर सकते हैं।
अंततः इश्वर के
बनाये नियम अटल
हैं हर इंसान
अपने कर्मों का
फल भोगने ही
आता है जो
की अटल है
अतः शुभ कर्म
करे ताकि आने
वाला समय शुभ
हो। बाकी सब
दुनियावी हिसाब किताब है
कोई दावा-ऐ-खुदाई नहीं। धन्यवाद्।
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