रंग व स्वाद से जाने शुभाशुभ ग्रह
जी
हाँ चौंकिए मत
यह बिलकुल सच
है की आप
अपने खाने के
स्वाद व रंग से
भी अपनी जनम
कुंडली के शुभ
व अशुभ ग्रहों
के बारे में
जान सकते हैं,
और उनका समय
रहते इलाज कर
सकते हैं। 'लाल
किताब' में इस
विषय के बारे
में बहुत अधिक
विस्तार से तो
नहीं बताया गया
है, हाँ मगर
इशारा ज़रूर दिया
गया है। हम
जानते हैं की
प्रत्येक ग्रह का
सम्बन्ध किसी न
किसी व्यक्ति या
वस्तु से होता
है और प्रत्यक्ष
या अप्रत्यक्ष हम
पर उसका प्रभाव
भी पड़ता है।
प्रकृति का नियम
है की जो
चीज़ कम होती
है उसकी पूर्ती
के लिए वह
दूसरी अन्य चीज़ों
पर निर्भर करती
है, ठीक इसी
तरह मानव शरीर
में भी जिस
चीज़ की कमी
होगी हमारा शरीर
उसकी पूर्ती करने
के लिए उन
चीज़ों का प्रयोग
अधिक करेगा। जैसे
की यदि हमारे
शरीर में आयरन
या कैल्शियम की
कमी होती है
तो डाक्टर भी
हमें उसकी पूर्ती
के लिए आयरन
व कैल्शियम लेने
के लिए कहते
हैं चाहे गोली
के रूप में
या भोजन के
रूप में। मगर यह तो बात हुई कमी पूर्ती की मगर ग्रहों के साथ ऐसा नहीं है ग्रहों के मामले में जो ग्रह कुंडली में अशुभ होगा हमारा स्वत ही उस ग्रह से सम्बंधित चीज़ों में लगाव बढ़ जायेगा यानि जब
हमारी जनम पत्री
में कोई ग्रह
अशुभ अवस्था में
होता है तो
हमारा झुकाव स्वत ही उस ग्रह से सम्बंधित चीज़ों की तरफ होगा और हम स्वत
ही उस
ग्रह से सम्बंधित
चीज़ें अधिक मात्रा
में प्रयोग करने लगेंगे और यह
स्वभावतः ही होगा
जानबूझकर नहीं। आईये जाने
की 'लाल किताब'
अनुसार जब हमारी
जनम पत्री में
कोई ग्रह अशुभ
होता है तो
इसका हमारे स्वाद
व रंगों के
चयन पर
क्या असर पड़ता
है।
- बृहस्पति - बृहस्पति का सम्बन्ध पीली वस्तुयों से है खासकर हल्दी, चने की दाल इत्यादि यदि जनम पत्री में बृहस्पति अशुभ होगा तो व्यक्ति अपने खाने में हल्दी का प्रयोग ज्यादा करता होगा या उसे चने की दाल बहुत पसंद होगी और वो हर दूसरे दिन चने की दाल खाता होगा। उसे पीले रंग व पीली वस्तुयों से खासकर लगाव होगा।
- सूरज - सूरज का गंदमी (भूरा, खाकी) रंग है कुंडली में सूरज के अशुभ अवस्था में होने पर व्यक्ति अपने खाने में तेज़ नमक (सफ़ेद) खाता होगा उसे आदत होगी की कोई भी सब्जी आये उसे बिना चखे ही वो उसमे और नमक डाल देगा, ऐसा व्यक्ति लाल या ताम्र रंग या फिर खाकी रंग से उसे बहुत लगाव होगा, सरकारी वर्दी का कोई वहम नहीं।
- चन्द्र - चन्द्र का रंग दूध जैसा सफ़ेद है, चन्द्र कमज़ोर होने पर व्यक्ति दूध या चावल आदि के सेवन का अधिक शौक़ीन होगा, हफ्ते में कम से कम ४-५ बार या शायद रोज़ खाने में उसे चावल चाहिए और सफ़ेद रंग से भी उसे काफी लगाव होगा। ऐसा व्यक्ति बर्फ खाने का भी शौक़ीन होगा, खासकर ऐसे व्यक्ति अपने जाम में खूब सारी बर्फ डालते हैं।
- शुक्र - शुक्र का रंग भी सफ़ेद ही है (दही जैसा), शुक्र कमज़ोर होने पर व्यक्ति आलू, जिमीकंद, गाजर खाने का बहुत शौक़ीन होगा, उसके खाने में इन सब्जियों की मात्रा अधिक होगी, घी व दही का भी वह भरपूर सेवन करता होगा। सफ़ेद रंग उसे बहुत प्रिय होगा।
- मंगल - मंगल का लाल रंग है, सौंफ, मीठा, शहद या खांड ऐसे व्यक्ति को बहुत प्रिय होगी जो की मंगल कमज़ोर या अशुभ होने की निशानी है यानि की ऐसा व्यक्ति मीठा खाने का बहुत शौक़ीन होगा, उसके पहरावे में लाल रंग उसे सबसे प्रिय होगा। मंगल यदि बद हो तो ऐसा व्यक्ति लाल मिर्च खाने का या वैसे ही उसे तीखा भोजन अधिक प्रिय होगा।
- बुध - बुध का हरा रंग है, बुध यदि कुंडली में अशुभ हो तो व्यक्ति अंडा, मीट, शराब, कबाब आदि का बहुत शौक़ीन होगा साबत मूंग दाल हरी, मटर, आदि का सेवन अधिक करता होगा और उसे हरा रंग बहुत प्रिय होगा।
- शनि - शनि का रंग काला है, यदि शनि कुंडली में अशुभ हो तो व्यक्ति काला नमक, काले मांह, काली मिर्च, चने सफ़ेद व काले दोनों, मछली, भुने या तले हुए बादाम, शराब आदि का बहुत शौक़ीन होगा और उसे अपने पहरावे में काला रंग सबसे प्रिय होगा।
- राहू - राहू का रंग नीला है, कुंडली में राहू के अशुभ अवस्था में होने पर व्यक्ति जौ से बनी चीज़ें जैसे की बीयर, धूम्रपान आदि का बहुत शौक़ीन होगा, उसे नारियल से बनी चीज़ें भी पसंद होंगी और वो अपने पहरावे में नीला रंग सबसे ज्यादा इस्तेमाल करता होगा।
- केतु - केतु का रंग काला सफ़ेद (दो रंग) या फिर केतु रंगबिरंगा अथवा चितकबरा रंग है, केतु यदि कुंडली में अशुभ हो तो व्यक्ति खट्टा खाने का बहुत शौक़ीन होगा जैसे की इमली, खट्टे अचार, प्याज, लहसून, और केला उसे बहुत प्रिय होगा।
इस
प्रकार आप अपने
खानपान व रंगों
के शौक से
जान सकते हैं
की आपकी जनम
कुंडली में कौन
कौन से ग्रह
अशुभ है और
उनकी अशुभता दूर
करने के लिए
आप उस ग्रह
से सम्बंधित चीज़ों
का प्रयोग कम
या बिलकुल बंद
कर दे तो
आपको बहुत लाभ
होगा और यह
बिलकुल आजमाई हुई बात
है, विश्वास नहीं
तो स्वयं करके
देखें।
Chetan Sud (Astrologer)
+91-98883-64014
www.chetansud.com
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