Monday, October 28, 2013

Horoscope Analysis-3 (Lal Kitab)

Native's Birth detail- 5/2/76, 7:47pm, at Jalandhar.


१- जनम दिन का ग्रह- बृहस्पत
जनम वक़्त का ग्रह- शनि
२- उम्र का साल ज़ारी- ३६
३- सूरज शनि को ५०% दृष्टि से देख रहा है जिस कारण सूरज २२ साल और शनि ३६ साल तक नीच, बल्कि मंगल भी बद और रहू भी नीच और मंदा होगा
४- अब क्यूंकि मंगल बद न०-१० में है तो जब भी न० १० बाहम दुश्मन या नीच रद्दी वगैरह ग्रहों से मंदा हो रहा होगा तो टेवा अँधा होगा
५- सूर्य बुध साथी हैं इसी तरह बृहस्पत केतु भी साथी हैं
६- सूरज-६, शनि-१२ औरत पर औरत मरती जाये= मगर ऐसा नहीं है शायद मेरे विचार से यहाँ शुक्र को बुध की मदद है
७- सूरज-६ मंगल-१०, लड़के पे लड़का मरे= जातक के अभी कोई लड़का नहीं हुआ, हाँ एक गर्भ ज़रूर गिराया था दिसंबर २०१० में
८- जातक की शादी १८-जनवरी २००८ को हुई जब ३३ वा साल चढ़ने में सिर्फ १७ दिन शेष थे, उस साल का वर्षफल था- बृहस्पति चंदर-१, सूरज-३, केतु-५, राहू-६, मंगल-७, बुध शुक्र-८, शनि-११....."बुध शुक्र जब नष्ट या मंदे, साथ ग्रह नर स्त्री हो, शनि राजा या मदद दे उनको, योग पूरा आ शादी हो"....एवं..." घर पक्का जिस ग्रह का होवे, बुध शुक्र जहाँ बैठा हो, अपनी जगह दे बुध शुक्र को, साल शादी का होता हो"
९- जातक के यहाँ एक कन्या का जनम ३ जनवरी २००९ को हुआ ठीक ३३ वा साल ख़त्म होने में जब एक महिना २ दिन बाकी थे और ३४ वा साल शुरू होने में इतने ही दिन शेष थे-
वर्षफल ३३ वा- बृहस्पति चंदर-१, सूरज-३, केतु-५, राहू-६, मंगल-७, बुध शुक्र-८, शनि-११    एवं
वर्षफल-३४ वा- केतु-१, राहू-२, बृहस्पति चंदर-३, मंगल-४, बुध शुक्र-५, शनि-६, सूरज-९
कन्या का जनम वक़्त से २ महीने पहले ही हो गया था= "कारण बताने वाला विद्वान् एवं मददगार होगा"
वर्षफल ३३ वा और ३४ वा दोनों ही साल औलाद का जनम बताते हैं
१०- राहू-३, शनि-१२ अब राहू को शनि की पूरी मदद होगी मगर ३६ के बाद
अभी तक के विश्लेषण से यही सामने आया है की इस जातक को ३६ वे साल तक काफी ज़द्दोज़हद करनी पड़ेगी, मगर क्यूंकि चंदर मुठ्ठी से बहार है और न०-४ खाली है इसलिए आखरी उम्र में सुखा ज़रूर पायेगा

११- मैंने इनसे प्रशन पूछा की क्या ९-१८-३० या ८-२०-३३ या ११-२२ साल की उम्र में कोई गंभीर जिस्मानी कष्ट हुआ था? तो उत्तर ना में था
१२- फिर मैंने इनसे पूछा की क्या शादी के समय ससुराल की फिनांशल पोसीशन आपसे अछि थी या क्या अब भी ससुराल से आपको आर्थिक सहायता मिलती रहती है ज़रूरत पढने पर तो जवाब मिला हां
१३- मेरा अगला सवाल था की क्या आप १-३-५ भाई बहिन हो? जवाब था ३
१४- मेरा अगला सवाल था की क्या आपके १ या ३ संतान है? जवाब था १
१५- फिर मैंने पूछा की क्या आपका शिक्षा और व्यापर का क्षेत्र अलग अलग है? जवाब मिला हां
१६- मेरा अगला प्रश्न था की क्या आपके कोई ताया या चाचा बहुत उम्दा राजदरबारी पद पर थे? जवाब मिला की ताया जी भारतीय वायुसेना में कमांडिंग ऑफिसर थे
१७- इस कुंडली में अगर नानके परिवार का सूरज से समबन्धित व्यापर होगा तो ठीक लेकिन अगर केतु से सम्बंधित व्यापार होगा तो परेशानी होगी? असल में नानके परिवार का बजाजी का काम है
१८- क्या आपके घर में कोई भठ्ठी या क्या आपका घर दक्षिण मुखी है? जवाब घर में भठ्ठी तो नहीं हाँ एक बहुत बड़ा चूलाह ज़रूर है जो सिर्फ शादियों में इस्तेमाल होता है, घर दक्षिण मुखी है
१९- क्या आपके घर में कोई बुजुर्ग घर से भागकर साधू तो नहीं बना? जवाब हां, जातक के कज़न चाचा जी बहुत पहले घर से चले गए थे जिनका बाद में पता चला की वो बहुत बड़े ग्यानी साधू बन गए थे और उनकी गद्दी अब कोई और देख रहा है
२०- क्या आपका अपने लंगोट पर काबू है? नहीं
२१- क्या आपके दादा जी आपके जनम से पहले या आपकी ८ साल की आयु में आपको छोड़कर दुनिया से विदा हुए? जवाब- नवम्बर १९८५ में यानि ९ साल ९ महीने की उम्र में
२२- क्या २२ साल की उम्र में आप अपने पिता से अलग अपना कारोबार करने लग गए थे और उस समय २२ साल या ११.५ साल की उम्र में क्या आपके पिता जी पर कोई कष्ट आया था? जवाब- हां २२ साल में ही जातक ने पिता से अलग कारोबार शुरू कर लिया था और उसी साल पिता पर कष्ट भी आया था
२३- क्या आपने कभी कोई बच्चा गिराया है? हाँ दिसंबर २०१० में
२४- क्या आपके माता जी ४-८-२४ में गुज़र गयी? नहीं
२५- क्या आपके पिता जी ने दो शादियाँ की? नहीं
२६- क्या घर में अलाव के लिए कोई जगह तो नहीं बनायीं? नहीं
२७- क्या घर में या घर के आस पास कोई काना , काला या बे-औलाद तो नहीं रहता? हाँ घर के सामने बे-औलाद है
२८- क्या घर में हाथी दांत से बनी कोई चीज़ तो नहीं? शायद नहीं
२९- क्या साथ या आस पड़ोस में कोई ऐसा भी लड़का या लड़की है जिनकी अभी तक शादी नहीं हुई? हाँ पड़ोस में १ भाई और तीन बहनें है जिनकी उम्र ४५-५० से ऊपर है और उनमे से किसी की भी शादी नहीं हुई
३०- क्या आपकी बहिन को कोई जिस्मानी कष्ट तो नहीं? नहीं
३१- क्या आपके नानके में किसी को कोई टांग में कोई कष्ट या कोई लंगड़ा तो नहीं? नानी जी को आखरी वक़्त में टांग में तकलीफ थी और वो लंगड़ा कर चलती थी
३२- इस कुंडली में न०-७ सोया है और, राहू, मंगल और बृहस्पति चंदर भी सोये हुए ग्रह है
३३- बृहस्पति चंदर न०-८ के प्रभाव- गुरु ८ वे तो सोने की लंका तक का दानी, राहू उच्च है और गुरु से पहले है इसलिए गुरु गैबी व रूहानी ताकत का मालिक होगा मगर क्यूंकि राहू सूरज शनि के टकराव के चलते ३६ तक मंदा और गुरु सोया होने के कारण जातक को ३६ साल तक कोई नेक असर न देगा गुरु का फल ३६ के बाद होगा और तब ताम्बा भी सोना होगा और मिटटी से भरा पानी भी उत्तम दूध बन जायेगा जंगल में भी मंगल होगा, सेहत दौलत परिवार उम्र से कभी दुखी न होगा
मंगल बद के कारण माकूल आमदन होते भी करजई होगा, ३६ के बाद बढ़ का दरख़्त, क़ानून महकमा काम आएगा, ३६ तक भाइयों के लिए भी कोई नेक असर न होगा, सूरज -६ जब भी दौरे पर आएगा तो शुक्र मंदा होगा ३०-४२ साल में, सूरज शनि के टकराव के चलते आग के वाक्यात, कीमत कौड़ी, शनि की सब चीज़ें मंदी, सेहत और ताकत मंदी, ख्यालातों से आज़ाद होगा, लट्टू की तरह बदल जाने वाला, गैर तसल्ली बक्श दोस्त होगा, दूध व तालीम खुश्क दूध होगा, वतन से और परिवार से प्रेम करने वाला, लंगोट पर काबो रखेगा तो किस्मत और औलाद दोनों उम्दा, गृहस्थी चक्की और किस्मत के दोनों पात ३४ बल्कि ३६ के बाद चलने शुरू हो जायेंगे, मतलब की पहला चक्कर (३५ साला) व्यर्थ जायेगा, मंगल-१० चींटी के घर भगवान् राजा, मगर मंगल बद के ३६ साल निकलने के बाद ही मंगल नेक का असर आयेगा, अब एक बात तो पक्की है की बुध -५ में परिवार और दौलत का मालिक होता है इसलिए ३४ या ३६ के बाद लड़का ज़रूर होना चाहिए, मगर बुध की केतु पर नज़र होने से केतु मंदा होगा मगर ज्यादा से ज्यादा ३४ तक उसके बाद केतु का अपना फल उच्च होगा, बुध शुक्र के सुभा का है इसलिए जातक रंगीन मिजाज़ होगा, कलाप्रेमी, इश्क में अव्वल दर्जे का होगा, ३४ तक राजदरबारी ताल्लुक में गुड में रेत, नहाने के बाद जिस्म पर रेत, किस्मत का फर्जी उभार ३६ तक पेशाब की झाग की तरह होगा, पिता से भी नहीं बनती होगी जो की सच है, मगर औलाद पर मंदा न होगा, शनि १२ में विधाता की कलम होगा मगर चलेगी ३६ के बाद ही, शराब, शबाब और कबाब से दूर रहे तो उत्तम वर्ना औरत पर कष्ट होगा. दक्षिण के दरवाजे के साथ के कारण ताकत वर हाथी भी चींटी से मर जायेगा, भाई बंधू या दुनियावी साथी रूपया पैसा बर्बाद करेंगे या लेकर मुकर जायेंगे, बन्दर की दम और शेर के कान होंगे, यानि ३४ तक उछल कूद और कानों का कच्चा होगा, कुत्ते की जान सर में होगी. सूरज -६ में मामे उत्तम होंगे,
सक्षेप में सूरज उठ कर न०-६ में चला गया है नानके उत्तम, न०-२ से सूरज को कोई ख़राब करने वाला नहीं, सूरज शनि की टक्कर के कारण ३६ तक किस्मत के मंदे धोके और उसके बाद उत्तम ज़माना होगा, २८ तक मंगल ख़त्म और ३४ तक बुध तो किस्मत का पहला चक्कर खाली, मगर ३६ के बाद राहू का उच्च फल होगा और केतु का भी उच्च फल बहाल होगा, आमदनी के घर पर राहू की नज़र से ४२ तक कभी कभार रोड़ा अटकाता रहेगा, शनि की मदद से राहू और भी उत्तम होगा
कुंडली में राज योग नहीं है इसलिए अपनी खुद की म्हणत से बढेगा
राहू से अदल मुंसिफ मिजाज़ दूसरों पर ज़ुल्म नहीं देख सकता, बुध से अपनी इज्ज़त वास्ते दुसरे की बे इज्ज़ती करगे मगर इर्ष्या से बरी होगा, मुसीबत के वक़्त भी अपने काम में लगा रहेगा चाहे नफा हो या नुक्सान, कामयाब हो या न हो मगर अपना काम कभी नहीं छोड़ेगा चाहे लाख मुसीबत आये, धर्म का पक्का होगा, लम्बी सोच और अपना काम वक़्त से पहले ही कर लेगा, मगर किसी को भी अपने से अच्छा नहीं समझेगा
जिस दिन औलाद होगी (लड़का) बुध गंग दरिया होगा, मंगल इसकी किस्मत का ग्रह है जिसे नेक कर लेना मददगार होगा, ३६ के बाद धन अच्छा होगा विदेशों से भी कमाएगा, 
एक और प्रशन पूछा - क्या आपके दांत टूटे तो नहीं? जवाब मिला हाँ, एक दाड़ निकलवाई हुई है
जिस दिन औलाद नारिना होगी उस दिन अपने वालदैन की किस्मत को रोशन अँधेरे घर में चिराग होगा
सूरज-६, बुध-५ लावल्द कभी न होगा
"दुनियावी हिसाब किताब है कोई दावा-ए- खुदाई नहीं"
कर भला होगा भला अंत भले का भला

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