Friday, June 12, 2020

लाल किताब और बृहस्पति खाना नं: 3 (त्रिकालदर्शी)

बृहस्पति 3 (त्रिकालदर्शी)


(1942)

त्रिलोकी का मालिक होगा, गुरु जो तीजे बैठा हो

पग हो तो 18 से 19, वर्ना 3 ही काना हो

दुर्गा पूजन भेद गिना है, 3 (नेक)-18 (बद) होने का

नेक होवे तो सबसे उम्दा, वर्ना बुध हो 3-9 का

(1952)

बहुत आँख शिवजी, गो मुर्दों के लेखे

मगर आँख तू एक से क्यूँ है देखे

शेर तबियत मुंसिफ दुनिया दुर्गा पूजन ज़र राज़ का हो

असर भले जब तक 2 उम्दा नष्ट खुशामद होता हो

4 शनि बुध टेवे मंदा, मारे मित्र कुल दुखिया हो

दूजे मंगल या 9 शनि बैठा, तारे सभी खुद सुखिया हो




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