Friday, June 12, 2020

लाल किताब और बृहस्पति खाना नं: 9

बृहस्पति 9 (पक्का घर)


(1942)

बृहस्पति हो जब 9-12 में, घर उसके गंगा आती है

किस्मत उम्दा सबका पत्तण, नाव हवा में चलती है,

जूं जूं पानी इसका बरते, होता ब्रह्म ज्ञानी है

9 निधि का मालिक गिनते, होती 12 सिद्धि है

(1952)

माया छोड़ दुनिया की न धर्म बनता

धर्म खुद उल्लंघन सभी कुछ हो जलता

धन की थैली पांच तीजे, योग पालन 12 हो

माया दौलत मिटटी समझे, फोका पानी गंगा हो

पांच चौथे बुध जो बैठा, राजा योगी होता हो

पापी शत्रु 5वें आया, बैठे दुखिया मरता हो





No comments:

Post a Comment